Breaking News
राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की गिनाई उपलब्धियां, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर संचालित की गई योजनाएं
राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की गिनाई उपलब्धियां, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर संचालित की गई योजनाएं
राजकुमार राव की फिल्म ‘भूल चूक माफ’ का टीजर रिलीज, इस दिन देगी सिनेमाघरों में दस्तक
राजकुमार राव की फिल्म ‘भूल चूक माफ’ का टीजर रिलीज, इस दिन देगी सिनेमाघरों में दस्तक
मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन का किया लोकापर्ण 
मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन का किया लोकापर्ण 
दिल्ली में दिसंबर 2026 तक ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों’ को पूरी तरह बना देंगे कार्यात्मक 
दिल्ली में दिसंबर 2026 तक ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों’ को पूरी तरह बना देंगे कार्यात्मक 
डिजिटल असेंबली “गो ग्रीन” की तरफ एक और कदम, हमारे राष्ट्रीय खेल भी इसी तर्ज पर हुए सफल- रेखा आर्या
डिजिटल असेंबली “गो ग्रीन” की तरफ एक और कदम, हमारे राष्ट्रीय खेल भी इसी तर्ज पर हुए सफल- रेखा आर्या
क्या आप रोजाना पर्याप्त पानी पीते हैं, अगर नहीं, तो आपकी सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर
क्या आप रोजाना पर्याप्त पानी पीते हैं, अगर नहीं, तो आपकी सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर
असिस्टेंट प्रोफेसर के 439 रिक्त पदों पर मेडिकल कॉलेजों में होगी भर्ती
असिस्टेंट प्रोफेसर के 439 रिक्त पदों पर मेडिकल कॉलेजों में होगी भर्ती
कृषि सहायकों ने कृषि मंत्री गणेश जोशी से की मुलाकात, मानदेय बढ़ोतरी और अन्य सुविधाओं की मांग की
कृषि सहायकों ने कृषि मंत्री गणेश जोशी से की मुलाकात, मानदेय बढ़ोतरी और अन्य सुविधाओं की मांग की
राज्यपाल के अभिभाषण से होगी विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत
राज्यपाल के अभिभाषण से होगी विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत

अंबानी-अडानी, खरबपतियों का चंदा कहां?

अंबानी-अडानी, खरबपतियों का चंदा कहां?

हरिशंकर व्यास
कैसी हैरानी की बात है कि मोदी राज में सबसे ज्यादा धंधा खरबपतियों का बढ़ा। अडानी जगत सेठ हुआ। अंबानी कुबेरपति हुआ। पैसे से भारत की संस्कृति का ढिंढोरा करता है। इनके साथ टाटा, बिड़ला सहित टॉप के बीस खरबपति दिन-दुनी, रात-चौगुनी की रफ्तार से भारत के लोगों से पैसा कमाते हुए हैं लेकिन वे इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीददारों की लिस्ट से लगभग गायब। यों कुछ जानकार शेल याकि खोखा कंपनियों से बॉन्डस लेन-देन की बारीकी तलाश रहे हैं। लेकिन मोटा मोटी मोदी सरकार की इलेक्टोरल बॉन्ड योजना में जुआरियों, सटोरियों, काला बाजारियों और ठेकेदारों से ही चुनाव और राजनीति के नाम पर वसूली हुई दिखती है। और यह हैरानी की बात है।

तभी अपना सवाल है कि सरकारी प्रोजेक्टों और मुंबई, दिल्ली आदि महानगरों के ठेकेदारों, बिल्डरों की इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदने-देने के साथ सौदेबाजी का यदि सीक्वेंस है तो भला विनिवेश, खान आवंटन से लेकर अंतरराष्ट्रीय सौदों, खरीद-फरोख्त के खरबपतियों के कारोबार की वसूली का क्या रूप है? जब चिंदीमार, खोखा कंपनियों को ईडी, सीबीआई, आईटी से लाइन हाजिर करा वसूली हुई है तो खरबपतियों के लेवल का चंदा कहां गया? क्या इस रीति-नीति पर चला गया कि छोटे कारोबारी भाजपा पार्टी के लिए और वैश्विक खरबपति किसी और काम के लिए?

भला और क्या काम हो सकता है? आप ही अनुमान लगाएं। लुटियन दिल्ली में जितने मुंह उतनी बात है। मगर इतना तय है कि भारत के टॉप सौ अरबपतियों की कंपनियों में बिना इलेक्टोरल बॉन्ड्स के कई नाम निकल आएंगे। और फिर यदि इनकों नौ वर्षों में मिली सरकारी कंपनियों, विनिवेश, लाइसेंसों की पूरी सूची के साथ तुलना करें तो वह क्या आंख खोल देने वाली नहीं होगी?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top