Breaking News
राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की गिनाई उपलब्धियां, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर संचालित की गई योजनाएं
राज्यपाल ने अभिभाषण में धामी सरकार की गिनाई उपलब्धियां, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर संचालित की गई योजनाएं
राजकुमार राव की फिल्म ‘भूल चूक माफ’ का टीजर रिलीज, इस दिन देगी सिनेमाघरों में दस्तक
राजकुमार राव की फिल्म ‘भूल चूक माफ’ का टीजर रिलीज, इस दिन देगी सिनेमाघरों में दस्तक
मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन का किया लोकापर्ण 
मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन का किया लोकापर्ण 
दिल्ली में दिसंबर 2026 तक ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों’ को पूरी तरह बना देंगे कार्यात्मक 
दिल्ली में दिसंबर 2026 तक ‘सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों’ को पूरी तरह बना देंगे कार्यात्मक 
डिजिटल असेंबली “गो ग्रीन” की तरफ एक और कदम, हमारे राष्ट्रीय खेल भी इसी तर्ज पर हुए सफल- रेखा आर्या
डिजिटल असेंबली “गो ग्रीन” की तरफ एक और कदम, हमारे राष्ट्रीय खेल भी इसी तर्ज पर हुए सफल- रेखा आर्या
क्या आप रोजाना पर्याप्त पानी पीते हैं, अगर नहीं, तो आपकी सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर
क्या आप रोजाना पर्याप्त पानी पीते हैं, अगर नहीं, तो आपकी सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर
असिस्टेंट प्रोफेसर के 439 रिक्त पदों पर मेडिकल कॉलेजों में होगी भर्ती
असिस्टेंट प्रोफेसर के 439 रिक्त पदों पर मेडिकल कॉलेजों में होगी भर्ती
कृषि सहायकों ने कृषि मंत्री गणेश जोशी से की मुलाकात, मानदेय बढ़ोतरी और अन्य सुविधाओं की मांग की
कृषि सहायकों ने कृषि मंत्री गणेश जोशी से की मुलाकात, मानदेय बढ़ोतरी और अन्य सुविधाओं की मांग की
राज्यपाल के अभिभाषण से होगी विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत
राज्यपाल के अभिभाषण से होगी विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत

जंगलों में आग, तबाही के बाद ही होते हैं बचाव और सुरक्षा को लेकर सचेत

जंगलों में आग, तबाही के बाद ही होते हैं बचाव और सुरक्षा को लेकर सचेत

उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की यह कोई पहली या नई घटना है। हर वर्ष गर्मी में कई जगहों पर आग लगने की वजह से आसपास का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इस बार तापमान में बढ़ोतरी के साथ अभी ही राज्य में पांच सौ से ज्यादा आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं।

किसी हादसे का सबसे बड़ा सबक यह होना चाहिए कि ऐसे इंतजाम किए जाएं, ताकि भविष्य में वैसे हालात से बचा जा सके। हैरानी की बात है कि उत्तराखंड के जंगलों में हर वर्ष आग लगने और उससे व्यापक नुकसान होने की घटनाओं के बावजूद इस ओर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी जाती। इस बार फिर नैनीताल और उसके आसपास के जंगलों में आग लगी और फैल कर खतरनाक शक्ल ले चुकी है।

आग से पर्यटन कारोबार पर भी पड़ा असर
बीते दो-तीन दिनों में कुमाऊं के जंगलों में पच्चीस से ज्यादा जगहों पर आग लग गई। वनाग्नि की इन घटनाओं में जहां करीब चौंतीस हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है, वहीं नैनीताल और आसपास के इलाकों में पर्यटन कारोबार पर भी इसका विपरीत असर पड़ा है। आग बुझाने के लिए भीमताल के पानी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे उस झील में पर्यटन गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। इससे इलाके की अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।

नैनीताल के जंगलों में लगी आग हुई बेकाबू, मदद के लिए जमीन पर उतरी सेना, हेलीकॉप्टर भी बुलाए गए
ऐसा नहीं कि उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की यह कोई पहली या नई घटना है। हर वर्ष गर्मी में कई जगहों पर आग लगने की वजह से आसपास का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इस बार तापमान में बढ़ोतरी के साथ अभी ही राज्य में पांच सौ से ज्यादा आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं। विडंबना है कि प्रत्यक्ष आशंका और खतरा होने के बावजूद गर्मी की शुरुआत के पहले सरकार की ओर से आग लगने के लिहाज से संवेदनशील जगहों पर बचाव और आग को फैलने से रोकने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जा सके।

जंगल में कुछ ऐसे खाली क्षेत्र तैयार किए जा सकते हैं, जहां जलाशय बनाए जा सकते हैं कि अगर किसी क्षेत्र में आग लगे, तो उसे फैलने से रोका जा सके और बुझाने में मदद मिले। इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि क्या आग लगने की घटनाओं में कुछ अराजक तत्त्वों का हाथ है! मगर आम हो चुकी वनाग्नि की घटनाओं के बावजूद सरकार को इस ओर ध्यान देना शायद जरूरी नहीं लगता। नतीजतन, हर वर्ष राज्य में जंगलों का बड़ा हिस्सा वनाग्नि से तबाह होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top