Breaking News
सूबे में 10 हजार दम्पतियों ने उठाया एआरटी का लाभ
सूबे में 10 हजार दम्पतियों ने उठाया एआरटी का लाभ
लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर मुख्य सचिव ने जतायी नाराजगी
लक्ष्य से कम ऋण वितरण पर मुख्य सचिव ने जतायी नाराजगी
वर्ल्ड स्किल्स 2024: भारतीय प्रतिभागियों ने ल्योन में चार कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास
वर्ल्ड स्किल्स 2024: भारतीय प्रतिभागियों ने ल्योन में चार कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास
नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में की बड़ी सफलता हासिल – गृहमंत्री अमित शाह
नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत की बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में की बड़ी सफलता हासिल – गृहमंत्री अमित शाह
मुख्यमंत्री धामी ने ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री धामी ने ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
फिल्म ‘जो तेरा है वो मेरा है’ का ट्रेलर जारी, जियो सिनेमा पर 20 सितंबर को रिलीज होगी फिल्म
फिल्म ‘जो तेरा है वो मेरा है’ का ट्रेलर जारी, जियो सिनेमा पर 20 सितंबर को रिलीज होगी फिल्म
पीएम मोदी के जन्मदिन पर वित्त मंत्री ने दिया तोहफा, व्यापारी दुर्घटना बीमा राशि की बढ़ाई अवधि
पीएम मोदी के जन्मदिन पर वित्त मंत्री ने दिया तोहफा, व्यापारी दुर्घटना बीमा राशि की बढ़ाई अवधि
एक अनार सौ बीमार… क्या वाकई कई बीमारियों को ठीक कर सकता है अनार?
एक अनार सौ बीमार… क्या वाकई कई बीमारियों को ठीक कर सकता है अनार?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की पद छोड़ने की घोषणा, कैलाश गहलोत बने संभावित उत्तराधिकारी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की पद छोड़ने की घोषणा, कैलाश गहलोत बने संभावित उत्तराधिकारी

उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 

उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 

देहरादून।  उत्तराखंड के प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. यशवंत सिंह कठोच को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने 33 वर्षों तक शिक्षक के रूप में सेवाएं दी हैं। साथ ही इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में लंबे समय से योगदान दे रहे हैं।डॉ. कठोच पौड़ी जनपद के एकेश्वर विकासखंड स्थित मांसों गांव के मूल निवासी हैं। उन्होंने 1974 में आगरा विवि से प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति तथा पुरातत्व विषय में विवि में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वर्ष 1978 में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के गढ़वाल हिमालय के पुरातत्व पर शोध ग्रंथ प्रस्तुत किया और विवि ने उन्हें डीफिल की उपाधि से नवाजा। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने 33 साल सेवाएं दीं। वर्ष 1995 में वह प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए।

डॉ. कठोच भारतीय संस्कृति, इतिहास एवं पुरातत्व के क्षेत्र में निरंतर शोध कर रहे हैं। वह वर्ष 1973 में स्थापित उत्तराखंड शोध संस्थान के संस्थापक सदस्य हैं। उनकी मध्य हिमालय का पुरातत्व, उत्तराखंड की सैन्य परंपरा, संस्कृति के पद-चिन्ह, मध्य हिमालय की कला: एक वास्तु शास्त्रीय अध्ययन, सिंह-भारती सहित 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जबकि इतिहास तथा संस्कृति पर निबंध और मध्य हिमालय के पुराभिलेख पुस्तकें जल्द प्रकाशित होंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top