Friday, December 1, 2023
Home ब्लॉग अकेले गोवर्धन उठाए केजरीवाल

अकेले गोवर्धन उठाए केजरीवाल

हरिशंकर व्यास
अरविंद केजरीवाल और भाजपा की राजनीति में सिर्फ वैचारिक समानता ही नहीं है, बल्कि केजरीवाल बिल्कुल उसी तरह राजनीति कर रहे हैं, जैसे नरेंद्र मोदी करते हैं। भाजपा की पूरी राजनीति पिछले आठ-नौ साल से नरेंद्र मोदी के चेहरे पर केंद्रित है। एक से दस नंबर तक वे हैं और उसके बाद ही किसी नेता का नंबर आता है। वैसे ही आम आदमी पार्टी में एक से दस नंबर तक केवल केजरीवाल हैं। उसके बाद किसी और का नंबर आता है। आम आदमी पार्टी केजरीवाल की पार्टी है, दिल्ली और पंजाब दोनों जगह की सरकार केजरीवाल की सरकार है और पार्टी के सारे विधायक व सांसद केजरीवाल के सांसद व विधायक कहे जाते हैं। इस मामले में केजरीवाल की राजनीति नरेंद्र मोदी से एक कदम आगे है। पिछले दिनों दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें आप ने दुर्गेश पाठक को उम्मीदवार बनाया था। समूचे प्रचार में एकाध अपवाद को छोड़ दें तो हर जगह पोस्टर और होर्डिंग पर उम्मीदवार की सिर्फ फोटो लगी थी और उसका नाम नहीं लिखा हुआ था। लोगों से केजरीवाल और झाड़ू छाप पर वोट देने की अपील थी।

जाहिर है पूरी पार्टी एक व्यक्ति के करिश्मे पर चल रही है। हजारों करोड़ रुपए के प्रचार से आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल का ब्रांड स्थापित किया है। दिल्ली सरकार स्कूल बनाती है तो उसे केजरीवाल का स्कूल कहा जाता है या अस्पताल बनाती है तो उसे केजरीवाल का अस्पताल कहा जाता है। वैसे ही जैसे केंद्र सरकार कुछ भी करती है तो वह नरेंद्र मोदी का काम कहलाता है। यहां तक कि भाजपा के कई नेताओं ने भारतीय सेना को नरेंद्र मोदी की सेना कहा। उसी तरह केजरीवाल भी सब कुछ अपने नाम से करा रहे हैं।

असल में नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल दोनों ने हिंदू मनोदशा को समझा हुआ है। यह सब होना हिंदुओं की 12 सौ साल की गुलामी का असर है। हिंदू हमेशा किसी सम्राट या तानाशाह के सपने देखता रहता है। उसे लगता है कि उसका भविष्य और देश दोनों किसी चक्रवर्ती राजा के हाथों में ही सुरक्षित हैं। उसे पंचायत करने वाले नेता पसंद नहीं हैं। नरेंद्र मोदी भले भारत को लोकतंत्र की जननी कहें लेकिन हकीकत यह है कि भारत में लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को जरा सा भी नहीं अपनाया है। यहां किसी पार्टी के अंदर आंतरिक लोकतंत्र जैसी कोई बात नहीं होती है। आजादी से पहले देश महात्मा गांधी को मसीहा मानता था तो आजादी के बाद नेहरू मसीहा हुए। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी मसीहा रहे तो वीपी सिंह में भी लोगों ने मसीहा देखा। उसी तरह नरेंद्र मोदी मसीहा हैं और केजरीवाल भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं।
मोदी की तरह केजरीवाल भी अकेले गोवर्धन उठाए हुए हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार का कोई भी विभाग अपने पास नहीं रखा है। वे किसी बात के लिए जवाबदेह नहीं हैं। वे फाइलों पर दस्तखत नहीं करते हैं लेकिन हर मुद्दे पर राजनीति करते हैं। यमुना का पानी साफ नहीं है तो उसका मुआयना केजरीवाल करते हैं तो कूड़े के पहाड़ को देखने भी वे ही जाते हैं। स्कूल-अस्पताल का शिलान्यास हो या उद्घाटन सब केजरीवाल करते हैं। पूजा-पाठ, आरती और हनुमान चालीसा का पाठ भी केजरीवाल ही करते हैं। यानी सब कुछ केजरीवाल के ईर्द-गिर्द होता है। तभी नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल के चेहरों में बूझे कि बड़े मियां और छोटे मिंया में क्या और कितना फर्क है!

RELATED ARTICLES

चुनाव मतलब लोगों को मूर्ख बनाना

हरिशंकर व्यास भारत में अब सारे चुनाव आम लोगों को मूर्ख बनाने, उनको बरगलाने, निजी लाभ का लालच देने, उनकी आंखों पर पट्टी बांधने या...

तेलंगाना में फिर जोर लगाया भाजपा ने

भारतीय जनता पार्टी ने तेलंगाना में एक साल पहले बहुत बड़ा राजनीतिक अभियान शुरू किया था। लेकिन फिर उसने अपने कदम पीछे खींच लिए...

लोकसभा चुनाव के लिए मुद्दों की तलाश

अजीत द्विवेदी यह सिर्फ कहने की बात नहीं है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव देश की राजनीति को दिशा देने वाले होंगे और इनसे...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

विश्व एड्स दिवस पर आयोजित होंगे जागरूकता कार्यक्रम- डॉ0 धन सिंह रावत

एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को किया जायेगा जागरूक स्वास्थ्य मंत्री श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित कार्यक्रम में करेंगे प्रतिभाग देहरादून। सूबे में विश्व एड्स दिवस के...

सिलक्यारा टनल अपडेट- एम्स में भर्ती सभी मजदूर किये गए डिस्चार्ज

ऋषिकेश। सिलक्यारा, उत्तरकाशी टनल से निकाले गए श्रमिकों का एम्स,ऋषिकेश में सभी सघन स्वास्थ्य जांच के बाद सभी 41 श्रमिकों को एम्स अस्पताल प्रशासन...

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में ली बैठक 

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में 08 एवं 09 दिसम्बर, 2023 को देहरादून में आयोजित हो...

डीजीपी अशोक कुमार की विदाई बेला पर भव्य रैतिक परेड का आयोजन

उत्तराखण्ड पुलिस को संवेदनशील बनाने के लिए काम किया - अशोक कुमार डीजीपी अशोक सर को कभी विचलित नहीं देखा, उनकी कार्यप्रणाली से सभी...

शादियों के सीजन में जनता को झटका, सोना फिर हो गया महंगा

67 हजार तक जा सकता है 10 ग्राम का दाम नई दिल्ली। शादियों का सीजन शुरू है और सोने के दाम ऊंचाई पर है। 10 ग्राम...

महंगाई का झटका- घर बनाना होगा अब पहले से ज्यादा महंगा

देहरादून। अपना मकान बनाने वाले लोगों को महंगाई का झटका लगने जा रहा है। घन बनान अब पहले से ज्यादा महंगा हो गया है। रेत-बजरी...

भारतीयों का विदेशी प्यार- 2023 में 1.40 लाख से अधिक छात्रों को मिला अमेरिका का वीजा

न्यूयॉर्क। अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की कि भारत में अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास ने अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 तक एक लाख 40...

रोजगार- नर्सिंग अधिकारी के रिक्त पदों के लिए निकली भर्ती

देखें, 1455 नर्सिंग अधिकारी के पदों पर भर्ती के नियम व शर्तें देहरादून। नर्सिंग की डिग्री/ डिप्लोमा कर चुके युवक-युवतियों के...

जानें पुरुषों की तुलना में महिलाओं को क्यों ज्यादा परेशाान करता है गठिया, यहां है जवाब

आर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में दर्द बना रहता है। ये ऐसी समस्या है जो काफी परेशान करती है. पुरुषों की तुलना में आर्थराइटिस...

तकनीकी और आस्था की डोर के सहारे सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां बची, लेकिन फिजां में तैर रहे सवालों के जवाब अभी बाकी

देहरादून। सिलक्यारा में 400 घंटे चले चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान में तकनीकी और आस्था की डोर से सहारे सुरंग में फंसी 41 जिंदगियां बचा ली गईं,...