Breaking News
स्पीड पर लगेगी लगाम – डिवाइडर निर्माण कार्य जारी, लगेगी स्टील रेलिंग
स्पीड पर लगेगी लगाम – डिवाइडर निर्माण कार्य जारी, लगेगी स्टील रेलिंग
रूस ने यूक्रेन पर कर दी क्रूज मिसाइलों की बरसात, ड्रोन्स से भी किया अटैक
रूस ने यूक्रेन पर कर दी क्रूज मिसाइलों की बरसात, ड्रोन्स से भी किया अटैक
आईएमए पासिंग आउट परेड, सेना को मिले 456 युवा अफसर
आईएमए पासिंग आउट परेड, सेना को मिले 456 युवा अफसर
10 लाख से अधिक छात्रों की बनी अपार आईडी-  डॉ. धन सिंह रावत
10 लाख से अधिक छात्रों की बनी अपार आईडी- डॉ. धन सिंह रावत
अजय देवगन की फिल्म ‘आजाद’ की रिलीज तारीख से उठा पर्दा, नया पोस्टर आया सामने
अजय देवगन की फिल्म ‘आजाद’ की रिलीज तारीख से उठा पर्दा, नया पोस्टर आया सामने
आशा रानी पैन्यूली को किया गया देहरादून नेशनल एकेडमी ऑफ डिफेंस की नई निदेशक नियुक्त 
आशा रानी पैन्यूली को किया गया देहरादून नेशनल एकेडमी ऑफ डिफेंस की नई निदेशक नियुक्त 
बच्चे ही नहीं बड़ों की जिंदगी भी तबाह कर सकते हैं मार्केट में मिलने वाले एनर्जी ड्रिंक्स, इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
बच्चे ही नहीं बड़ों की जिंदगी भी तबाह कर सकते हैं मार्केट में मिलने वाले एनर्जी ड्रिंक्स, इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
मुख्यमंत्री धामी ने टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 के समापन समारोह में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री धामी ने टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 के समापन समारोह में किया प्रतिभाग
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव – बेरोजगारी दर में 4.4% की गिरावट- मुख्यमंत्री धामी
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव – बेरोजगारी दर में 4.4% की गिरावट- मुख्यमंत्री धामी

नेताजी के परिवार ने पीएम को लिखा पत्र- 23 जनवरी से पहले नेताजी के ‘अवशेष’ भारत लाने की मांग

नेताजी के परिवार ने पीएम को लिखा पत्र- 23 जनवरी से पहले नेताजी के ‘अवशेष’ भारत लाने की मांग

कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी के ‘अवशेष’ जापान के रेनकोजी मंदिर से भारत लाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उन्होंने आग्रह किया कि नेताजी की जयंती 23 जनवरी से पहले यह कार्य पूरा किया जाए।

चंद्र कुमार बोस ने कहा कि नेताजी के ‘अवशेष’ का अब भी विदेशी भूमि पर रहना उनके प्रति “बड़ा अपमान” है। यह उनके लिए अत्यंत जरूरी है कि नेताजी के अवशेष भारत लाए जाएं और उनके सम्मान में दिल्ली के कर्तव्य पथ पर एक स्मारक स्थापित किया जाए।

पत्र में बोस ने कहा, “नेताजी भारत लौटना चाहते थे, लेकिन स्वतंत्रता की लड़ाई में 18 अगस्त 1945 को अपने प्राणों की आहुति देने के कारण वे ऐसा नहीं कर सके। यह उनके प्रति बड़ा अनादर है कि उनके अवशेष अब भी विदेशी धरती पर पड़े हैं।”

बोस ने प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने नेताजी से जुड़े फाइलों को सार्वजनिक करने की पहल की है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार को अब अंतिम बयान जारी करना चाहिए ताकि नेताजी से जुड़ी फर्जी कहानियों का अंत हो सके।”

बोस ने बताया कि 1956 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में नेताजी की मृत्यु की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। इस समिति की रिपोर्ट में दुर्घटना के ग्यारह प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए गए थे, जिसमें भारतीय सेना के कर्नल हबीब उर रहमान भी शामिल थे, जिन्होंने इस दुर्घटना में नेताजी के साथ यात्रा की थी।

1974 की सरकारी खोसला आयोग रिपोर्ट ने 1956 की शाह नवाज़ रिपोर्ट के निष्कर्षों की पुष्टि की थी, और 2005 की जस्टिस मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट, जिसमें कहा गया था कि नेताजी की दुर्घटना में मृत्यु नहीं हुई, को भारतीय सरकार ने खारिज कर दिया था।

बोस ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि नेताजी के ‘अवशेष’ जल्द से जल्द भारत लाए जाएं और उनके सम्मान में एक स्थायी स्मारक बनाया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top