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मुख्यमंत्री धामी ने विभिन्न योजनाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की
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गरीबी मुक्त गांव बनाने की आह्वान

गरीबी मुक्त गांव बनाने की आह्वान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों से गरीबी मुक्त गांव बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग की 9वीं शासी परिषद की बैठक के समापन अवसर पर शनिवार को कहा कि 2047 तक विकसित भारत, जो हर भारतवासी की महत्त्वाकांक्षा है, के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसके लिए राज्यों की भागीदारी महत्त्वपूर्ण है। यह दशक तकनीकी और भू-राजनीतिक बदलावों और अवसरों का है, जिसका लाभ उठाया जाना चाहिए।

मजे की बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी विकसित राष्ट्र के सफर में राज्यों की भागीदारी की बात कह रहे हैं, लेकिन बैठक में बिहार, केरल समेत 10 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल नहीं हुए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में पहुंचीं जरूर लेकिन अपना भाषण बीच में ही रोक देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया।

इतनी महत्त्वपूर्ण बैठक से दस से ज्यादा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का शामिल न होना निश्चित ही दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि विकसित राष्ट्र की दिशा में अकेले-दुकेले की बढ़त से बात नहीं बनेगी। सभी की भागीदारी और सहयोग होना जरूरी है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, गरीबी उन्मूलन और आबादी का प्रबंधन जैसे तमाम मुद्दे हैं, जिनके लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने तई प्रयास करने होंगे। जरूरी बन पड़ी नीतियों को क्रियान्वयन करके देश के आर्थिक विकास की दिशा में अपना महती योगदान देना होगा।

बैठक में प्रधानमंत्री ने जो सबसे महत्त्वपूर्ण बात कही वह थी गरीबी-मुक्त गांव की दिशा में काम करने की। बेशक, इस दिशा में तैयारी करके बढ़ा जाए तो बेहतर नतीजों की उम्मीद की जा सकती है। माइक्रो लेवल का आर्थिक प्रबंधन कोई नहीं बात नहीं है। बहुत पहले गांधी जी ने गांव के स्तर पर ज्यादा से ज्यादा सक्रियता की बात कही थी। उन्हें लगता था, और जो भारत जैसे गांवों के देश में सही भी था, कि गांव के स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को मजबूती देकर आमजन को सबल बनाया जाना चाहिए। लेकिन बाद में इस आर्थिक सोच को बिसरा दिया गया।

नतीजतन, गांव में रोजगार की स्थिति खासी चरमरा गई और बड़े पैमाने पर पलायन होने लगा। तमाम शहरों और बड़े नगरों की ओर हुए आबादी के पलायन से शहरों में नागरिक सुविधाओं के हालात बदतर हो गए। जरूरी है कि केंद्र सरकार और राज्यों में आरूढ़ सरकारें मिलकर गांवों को सबल बनाने की दिशा में अग्रसर हों जिससे आम जन के हालात बेहतर हो सकेंगे जो बड़ी सफलता होगी।

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